प्रणाम ललित जी! वाणी के चार स्तरों को प.श्री राम शर्मा आचार्य जी की पुस्तक 'भाषण संभाषण की दिव्य क्षमता'में विस्तार से प्रामाणिक तरीके से बताया गया है,उसे आप अवश्य पढिये।यह पुस्तक आपको किसी बड़े गायत्री शक्तिपीठो पर मिल सकती है।धन्यवाद।
यज्ञ कुण्ड में मेखला और योनि: यज्ञ कुण्ड की तीन मेखलाएं होती हैं, तीन मेखलाओ में ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र का आवाहन एवम पूजन होता है। हवन कुण्ड के चारों तरफ़ चार वेदों का आवाह...
'' सामवेदीय छन्दोग परिशिष्ट '' में यज्ञोपवीत(जनेऊ) के नौ तन्तुओं में स्थित नौ देवताओं के नाम इस तरह बताये गये हैं: ॐकारोSग्निश्च नागश्च सोम: पितृप्रजापती। वायु: सूर्यश्च सर...
साधन चतुष्टय (Four Qualities of studentship in Vedant Philosophy)--------------------------------------- वेदांत दर्शन के अध्ययन में प्रवेश के लिये साधन चतुष्टय (Qualities of studentship) की आवश्यकता होती है मनुष्य के अंदर चार योग्यता(Qualifications) होनी अति आवश्यक है: 1. विवेक (Discriminatory intellect...
कृपया उचित विश्लेषण कर के विस्तार से वाणी के प्रकार बताए।
ReplyDeleteप्रणाम ललित जी!
ReplyDeleteवाणी के चार स्तरों को प.श्री राम शर्मा आचार्य जी की पुस्तक 'भाषण संभाषण की दिव्य क्षमता'में विस्तार से प्रामाणिक तरीके से बताया गया है,उसे आप अवश्य पढिये।यह पुस्तक आपको किसी बड़े गायत्री शक्तिपीठो पर मिल सकती है।धन्यवाद।
Ek mann ki shanka hai ji ek bani hai guru gorakhnath ji ki kabira maine ehsa Anghad daya jeeu na maru nahi janmu kirpiya arth bataye Sir pls
ReplyDeleteThik hai, bataaunga
ReplyDelete