ब्रह्मसूत्र, बौधायन वृत्ति और जगद्गुरु रामानुज कृत श्री भाष्य
ब्रह्मसूत्र को उत्तर मीमांसा, ब्रह्ममीमांसा, वेदान्त सूत्र या वेदान्त दर्शन भी कहते हैं। ब्रह्मसूत्र के रचनाकार श्रीकृष्ण द्वैपायन बादरायण महर्षि वेदव्यास जी हैं। सूत्र कार भगवान् बादरायण श्रीवेदव्यास जी की गुरु शिष्य परम्परा में वृत्तिकार बौधायन हुए। आज से 2600 वर्ष पूर्व महर्षि बौधायन भारत के बिहार राज्य के सीतामढी में उत्पन्न हुए। वृत्तिकार बौधायन श्रीकृष्णद्वैपायन बादरायण महर्षि वेदव्यास जी के प्रशिष्य और परमहंस ब्रह्मरात श्रीशुकदेवजी के शिष्य थे। वैसे तो श्रीवैष्णव सम्प्रदाय के आदि गुरु भगवान् शिव हैं परंतु विशिष्टाद्वैत सिद्धान्त के आदि आचार्य बौधायन हैं, महर्षि बौधायन ने भगवान् व्यासजी रचित ब्रह्मसूत्र पर एक वृत्तिग्रंथ लिखा जो बौधायन वृत्ति के नाम से प्रसिद्ध हुई॥ महर्षि बौधायन श्रीवैष्णव आलवार धर्म के महान आचार्य शिरोमणि हुए। श्रीबौधायन ने त्रिकाण्ड मीमांसा शास्त्र पर विशाल वृत्ति ग्रंथ का निर्माण किया। श्री बौधायन ने बौधायन धर्मसूत्र, बौधायन स्मृति, बौधायन गृह्यसूत्र, बौधायन पितृमेध सूत्र, धर्मशास्त्रम और ब्रह्मसूत्र पर वृत्ति ग्रंथ की रचना की। परंतु ब्रह्मसूत्र पर लिखा बौधायन वृत्ति अब उपलब्ध नहीं है॥ आचार्य बौधायन के अनेक नाम हैं : पुण्डरीक, पुरुषोत्तमाचार्य, कृतकोटि, अयाचित, हलभूति, उपवर्ष, वृत्तिकार, भगवान् बौधायन आदि। आचार्य बौधायन के जीवन चरित्र के नाम से प्रसिद्ध पुस्तक श्रीबौधायन आख्यान आज भी उपलब्ध है। बौधायन वृत्ति आज से एक हजार वर्ष पूर्व काश्मीर के शारदा पीठ के पुस्तकालय में उपलब्ध थी। 1000 वर्ष पूर्व भगवती माता सरस्वती की कृपा से स्वामी रामानुज ने काश्मीर के शारदा पीठ में जाकर बौधायन वृत्ति को प्राप्त किया। इसी बौधायन वृत्ति के आधार पर जगद्गुरु स्वामी रामानुजाचार्य ने ब्रह्मसूत्र पर भाष्य लिखा जो श्री भाष्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ। भाष्यकार स्वामी रामानुज श्रीवैष्णव धर्म और विशिष्ट अद्वैत दर्शन के अन्तिम आचार्य हुए ॥
"आचार्य बौधायन के जीवन चरित्र के नाम से प्रसिद्ध पुस्तक श्रीबौधायन आख्यान आज भी उपलब्ध है।"
ReplyDeleteI should be grateful if you would let me know where it is available.