समुद्र मन्थन के समय क्षीरसागर से निकले हुए 14 रत्न
लक्ष्मी: कौस्तुभपारिजातकसुरा धन्वन्तरिश्चन्द्रमा:
धेनु: कामदुघा सुरेश्वरगजो रम्भादि देवांगना:।
अश्वसप्तमुखो विषं हरि धनु: शंखोSमृतं चाम्बुधे:
रत्नानीति चतुर्दश प्रतिदिनं कुर्वंतु वो मंगलं॥
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