चार प्रकार की वाणी

वाणी चार प्रकार की होती है : 1. परा वाणी
2. पश्यन्ती वाणी  3. मध्यमा वाणी 4. वैखरी वाणी

Comments

  1. कृपया उचित विश्लेषण कर के विस्तार से वाणी के प्रकार बताए।

    ReplyDelete
  2. प्रणाम ललित जी!
    वाणी के चार स्तरों को प.श्री राम शर्मा आचार्य जी की पुस्तक 'भाषण संभाषण की दिव्य क्षमता'में विस्तार से प्रामाणिक तरीके से बताया गया है,उसे आप अवश्य पढिये।यह पुस्तक आपको किसी बड़े गायत्री शक्तिपीठो पर मिल सकती है।धन्यवाद।

    ReplyDelete
  3. Ek mann ki shanka hai ji ek bani hai guru gorakhnath ji ki kabira maine ehsa Anghad daya jeeu na maru nahi janmu kirpiya arth bataye Sir pls

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

यज्ञ करने का विधान

साधन चतुष्टय वेदांत दर्शन के अधिकारी(Four Qualifications of Vedant Philosophy)

अपरा विद्या और परा विद्या(अध्यात्म विद्या) (Physics and Meta Physics)