भागवत के दस लक्षण एवं तृतीय स्कन्ध से द्वादश स्कन्ध तक भागवत के दस लक्षण का रहस्य

अत्र सर्गो विसर्गश्च स्थानं पोषणमूतय:।   मन्वन्तरेशानुकथा निरोधो मुक्तिराश्रय:॥ ''पुराणं पंच लक्षणं'' अर्थात् सामान्य पुराण के पाँच लक्षण होते हैं। परंतु महापुराण के दस लक्षण होते हैं, श्रीमद् भागवत महापुराण  है।  श्रीमद भागवत महापुराण के द्वितीय स्कन्ध के दशम अध्याय में भागवत महापुराण के दस लक्षणों का वर्णन है॥ ये दस लक्षण हैं:        1. सर्ग  2. विसर्ग 3.स्थान 4. पोषण 5. ऊति 6. मन्वन्तर 7.ईशानुकथा  8. निरोध 9.मुक्ति 10. आश्रय ॥    श्रीमद भागवत महापुराण में बारह स्कन्ध हैं, श्रीमद भागवत महापुराण के तृतीय स्कन्ध से द्वादश स्कन्ध  तक  श्रीभगवान् की दस लीलाओं का वर्णन है॥ 1. सर्ग लीला : तृतीय  स्कन्ध ( परब्रह्म कृत सर्ग प्रकृति, पंच तन्मात्रा, पंच महाभूत आदि  25 तत्वों की सृष्टि सहित ब्रह्माण्ड एवं विराट पुरुष की सृष्टि का वर्णन)  2.विसर्ग लीला : चतुर्थ स्कन्ध (विशेष सर्ग अर्थात् विशेष सृष्टि, सृष्टिकर्त्ता ब्रह्माजी द्वारा विशेष सृष्टि, मानस सृष्टि, मनु द्वारा मनुष्य सृष्टि, मैथुनी सृष्टि, प्रजापतियों द्वारा एवं ऋषियों द्वारा सृष्टि वर्णन )   3. स्थान लीला : पंचम स्कन्ध (विश्व ब्रह्माण्ड के स्थान का वर्णन, भगवान् विश्वमूर्ति के स्थूल स्वरूप ब्रह्माण्ड का वर्णन, भूगोल का वर्णन, खगोल का वर्णन, पृथ्वी के सभी स्थानों, सात द्वीपों सात सागरों का वर्णन, अन्तरिक्ष में स्थित नौ ग्रह, 28 नक्षत्र, सप्तर्षि मण्डल, ध्रुव लोक, आकाश गंगा, शिशुमार चक्र का वर्णन,  ब्रह्माण्ड के चौदह लोकों का वर्णन,  भूलोक का वर्णन, भुवर्लोक आदि 6 ऊर्ध्व लोकों का वर्णन, अतल आदि सात अधोलोक का वर्णन, नरकों का वर्णन )                                                                        4. पोषण लीला : षष्ठ  स्कन्ध ( पालनकर्त्ता श्री भगवान् द्वारा विश्व ब्रह्माण्ड का  पालन पोषण, परम भागवत यमराज द्वारा ''भागवतानाम् कथा'' बारह भागवत का परिचय, भागवद् धर्म का रहस्य वर्णन, श्री भगवान् द्वारा भागवत भक्तों का पोषण एवं रक्षा, विश्वरूप, वृत्रासुर, चित्रकेतु आदि भागवत भक्तों की कथा )                                          5. ऊति लीला : सप्तम स्कन्ध 6.  मन्वन्तर लीला : अष्टम स्कन्ध (स्वायम्भुव मनु आदि चौदह मनुओं के राज्यकाल की शासन व्यवस्था का वर्णन, स्वायम्भुव आदि चौदह  मन्वन्तरों में श्री भगवान् के यज्ञ अवतार, श्रीहरि अवतार, आदि अवतार लीलाओं का वर्णन )                     7. ईशानु कथा : नवम स्कन्ध (ईश्वर के परशुराम, श्रीराम,  वेदव्यास, बलराम,  श्रीकृष्ण  आदि अवतारों की कथा)                                         8.  निरोध लीला :दशम स्कन्ध                             9. मुक्ति लीला      : एकादश स्कन्ध                                  10. आश्रय लीला : द्वादश  स्कन्ध

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