देवयान, शुक्ल मार्ग, अर्चिरादि मार्ग या उत्तर मार्ग(The Bright Path)

The Bright Path : श्रीमद भगवद्गीता के अष्टम अध्याय में अक्षरब्रह्म योग में अर्चिरादि मार्ग का वर्णन:   ' ' अग्निर्ज्योतिरह: शुक्ल: षण्मासा उत्तरायणम्। तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जना:॥ ' ' अर्चि का अर्थ है ' ' प्रकाश(Light)। अर्चिरादि मार्ग को उत्तरायण मार्ग, देवयान, उत्तर मार्ग, उत्तर मार्ग भी कहा जाता है॥

Comments

Popular posts from this blog

यज्ञ करने का विधान

साधन चतुष्टय वेदांत दर्शन के अधिकारी(Four Qualifications of Vedant Philosophy)

यज्ञोपवीत (जनेऊ) के नौ तन्तुओं के नौ देवता