Posts

शतपथ ब्राह्मण में राजसूय, पिण्ड पितृ याग, अश्वमेध, वाजपेय आदि श्रौत यज्ञों का विवरण

शुक्ल यजुर्वेद की काण्व शाखा के शतपथ ब्राह्मण का विभाग, चयनक्रम एंव प्रतिपाद्य काण्व-शतपथ की व्यवस्था और विन्यास में विपुल अन्तर है। उसमें 17 काण्ड, 104 अध्याय, 435 ब्राह्मण तथा 6806 ...

ग्रहों के उदय अस्त काल के अंश

एकादशामरेंगस्य तिथिसंख्याSर्कजस्य तु। कालांशा भूमिपुत्रस्य दश सप्ताधिकास्तथा॥ पश्चादस्तमयोSष्टाभि: उदय: प्रांमहत्तया। प्रागस्तमुदय: पश्चाद् अल्पत्वाद्दशभि: भृ...

चण्डी पाठ (दुर्गा सप्तशती की महिमा)

दुर्गा सप्तशती(चण्डी पाठ)—अद्भुत शक्तियां प्रदान करता है नवरात्र के दौरान भगवती जगदम्बा को प्रसन्न करने के लिए साधक विभिन्न प्रकार के पूजन करते हैं जिनसे माता प्रसन्न ...